Bageshwar uttarakhand


  Bageshwar Uttarakhand-Bageshwar district-turist places in Bageshwar 


  Bageshwar uttarakhand : बागेश्वर Bageshwar  या बागनाथ अल्मोड़ा से 90 किमी की दूरी पर मध्य हिमालय की घाटी में स्थित है। इसके पूर्व एवं पश्चिमी भाग में भीलेश्वर एवं नीलेश्वर पर्वत तथा उत्तरी एवं दक्षिणी भाग में सूरजकुंड और अग्निकुंड स्थित है।

 Bageshwar  बागेश्वर को उत्तर का वाराणसी भी कहा जाता है। इस नगरी को वाराणसी का दूसरा रूप माना गया है। ऐसा माना जाता है, कि यहां शिव व्याघ्र का रूप धरकर विचरण करते थे। इसलिए इसका नाम व्याघ्रेश्वर भी है। 15 सितम्बर 1997 में इसको  जिला बनाया गया था। इससे पूर्व यह अल्मोड़ा जिले की  एक तहसील थी। 

 बागेश्वर Bageshwar की महत्ता प्राचीनता एवं ऐतिहासिकता का ज्ञान बागेश्वर मंदिर परिसर में उत्कीर्ण 9वीं सदी के कत्यूरी शासक भूदेव के प्रस्तर शिलालेख से प्राप्त होता है। इस शिलालेख को भूदेव ने बागेश्वर मंदिर समूह में दक्षिण दिशा स्थित एक शिला पर उत्कीर्ण कराया था। इस लेख में बागेश्वर Bageshwar को व्याघ्रेश्वर कहा गया है। सरयू गोमति  एवं अदृश्य सरस्वती नदियों के संगम पर स्थित बागेश्वर नगर समस्त पापों से मुक्ति प्रदान करने वाले भगवान सदाशिव की धर्म परायण भूमि के रूप में पूजनीय है। मानस खंड में गोमती और सरयू नदी के मध्य नीलगिरी की स्थिति का वर्णन किया गया है। 

 मुख्यालय ⟶ बागेश्वर Bageshwar 

क्षेत्रफल  ⟶ 2246 वर्ग किलोमीटर 

जनसंख्या  ⟶ 259898   पुरुष  ⟶ 124326  महिला  ⟶ 135572 

साक्षरता  ⟶ 80.01%

तहसीलें  ⟶ बागेश्वर, कपकोट, गरुड़, काण्डा, काफलीगैर, दुगनाकुरी

उप तहसील  ⟶ शामा 

विकासखंड  ⟶ कपकोट, काण्डा, गरुड़ 

विधानसभा सीटें  ⟶ कपकोट, बागेश्वर

Bageshwar Pin Code  ⟶  263642


बागेश्वर के प्रमुख दर्शनीय स्थल turist places in Bageshwar Uttarakhand 

बैजनाथ  Baijnath Bageshwar Uttarakhand 

यहां बागेश्वर Bageshwar है, 26 किलोमीटर और कौसानी से 19 किलोमीटर उत्तर की ओर गोमती नदी के तट पर 26 मंदिरों का का एक समूह है। बैजनाथ को पूर्व में कार्तिकेयपुर माना जाता है। बैजनाथ के मुख्य मंदिर में पार्वती की पत्थर की बनी मूर्ति स्थापित है। बैजनाथ मंदिर को कत्यूरी चंद तथा मंगोलिया वंश के राजाओं ने समय-समय पर नव निर्माण कराया है। इसी मंदिर के समीप चौपड़- चबूतरा है।  जो कि यहां कत्यूरी राजाओं की राजधानी होने का प्रमाण प्रस्तुत करता है। 

बागनाथ मंदिर Bagnath Temple Bageshwar Uttarakhand 

बागेश्वर शहर के निकट  गोमति और सरयू के संगम पर शिव का यह मंदिर स्थित है।  इसमें कई देवताओं की मूर्तियां है। शिव पुराण के मानस खंड के अनुसार आदिकाल में भगवान शंकर के प्रियगण चंडीश ने नीलेश्वर तथा बिलेश्वर की पहाड़ी मैं अनेक देवी देवताओं को बसाया था। इस मंदिर का निर्माण कत्यूरी काल में हुआ था। जबकि वर्तमान मंदिर का नव निर्माण लक्ष्मी चंद द्वारा किया गया था। जय मंदिर नागर शैली में बना हुआ है। 

कौसानी Kausani Bageshwar Uttarakhand 

बागेश्वर Bageshwar से 39 किमी दूर और देश की राजधानी दिल्ली से Delhi to kausani 422 किमी  दूरी पर  कोसी और गरुड़ नदियों के बीच स्थित है। कौसानी  पिंंगनाथ पहाड़ी पर समुद्र तल से 1890 मीटर  (Kausani height in feet 6200 f ) की ऊंचाई पर स्थित है। विशिष्ट पर्यटन नगर कौसानी का मुख्य आकर्षण हिमालय दर्शन एवं सूर्योदय सूर्यास्त दृश्य है। पहले यह अल्मोड़ा जिले में था।  लेकिन वर्तमान में बागेश्वर जिले में है। कौशिक मुनि की तपस्थली होने के कारण इसका नाम कौसानी पड़ा। यहां से चौखंबा, त्रिशूल, नंदा देवी, नंदा कोट, पंच चूली और नंदा घुघुटी की सभी चोटियां स्पष्ट दिखाई देती है। 

1929 में महात्मा गांधी यहां पर 12 दिन तक रहे थे, और अपनी पुस्तक यंग इंडिया के अपने एक लेख में उन्होंने कौसानी को भारत का स्विट्जरलैंड कहा गांधी जी ने जिस स्थान पर प्रवास किया था। उस स्थान को अनाशक्ति आश्रम के नाम से जाना जाता है। इसी के निकट गांधी जी की शिष्य सरला बहन का लक्ष्मी आश्रम भी है। और यहीं पर महान प्रकृति प्रेमी कवि सुमित्रानंदन पंत की जन्मस्थली भी है।  उनके जन्म स्थल पंत व्हिच का पर एक लघु संग्रहालय स्थापित किया गया है। बागेश्वर चाय के बागान के लिए भी प्रसिद्ध है। 

पिंडारी ग्लेशियर

नंदा कोट शिखर के पश्चमी ढाल पर लगभग 3 किमी लम्बा तथा 380 मी० चौड़ा यहा ग्लेश्यर बहुत ही आकर्षक है।  यहाँ मोनाल पक्षी, कस्तूरी मृग तथा भोजपत्र के वृक्ष पाए जाते है। 
  

भद्रकाली 

बागेश्वर Bageshwar  से 33 किलोमीटर की दूरी पर यह सिद्ध पीठ मंदिर स्थित है। भद्रकाली गांव में स्थित यह सिद्ध पीठ कालीमठ के समान मान्यता वाला है। इस सिद्ध पीठ में माता के तीन रूप महाकाली, महालक्ष्मी और मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित है। 

पाण्डु स्थल 

बागेश्वर से 28 किलोमीटर की दूरी पर कुमाऊं और गढ़वाल की सीमा पर बसाया यह  स्थल प्राकृतिक दृष्टि से बहुत ही खूबसूरत है। एक मान्यता के अनुसार यहां पांडव अपने अज्ञातवास के समय में यहां निवास किया था श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर इस क्षेत्र का बहुत बड़ा मेला लगता है। 

बागेश्वर Bageshwar  के प्रमुख ग्लेशियर

1. हीरामणि ग्लेशियर  2.  पिंडारी ग्लेशियर  3. कफनी ग्लेशियर  4. सुंदरढूंगा ग्लेशियर  5. नामिक ग्लेशियर  6. सम्भू ग्लेशियर

बागेश्वर Bageshwar  की प्रमुख झीलें /कुण्ड 

1. सूरजकुण्ड   2. अग्निकुण्ड   3. छीड़ गंगा कुण्ड   4. सुकुण्डा ताल  5. तप्त कुण्ड   6.देवी कुण्ड  7. बैराजनाथ झील