Panchvarshiya Yojana| Panchvarshiya Yojana in hind | भारत की पंचवर्षीय योजनाएं|13वीं पंचवर्षीय योजना कब लागू हुई
Panchvarshiya Yojna पंचवर्षीय योजना स्वतंत्रता के पश्चात भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं० जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता मैं एक आर्थिक नियोजन समिति का गठन हुआ। उसके बाद इस समिति की सिफारिश में 15 मार्च 1950 ई० में योजना आयोग का गठन किया गया।
इस आयोग के अध्यक्ष भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलल नेहरू तथा उपाध्यक्ष गुलजारी लाल नंदा थे। 15 अगस्त 2014 को इस योजना आयोग को समाप्त कर दिया गया भारत की पहली पंचवर्षीय योजना Panchvarshiya Yojna 1 अप्रैल 1952 को लागू हुई थी।
पंचवर्षीय योजनाएं Bharat ki panchvarshiya Yojana क्या है। और 13वीं पंचवर्षीय योजना कब लागू हुई इसकी जानकारियां और सभी पंचवर्षीय योजनाओं की जानकारी विस्तार से दी गयी है।
प्रथम पंचवर्षीय योजना Panchvarshiya Yojna 1951-1956
हौराल्ड-डाॅमर मॉडल पर आधारित इस योजना का मुख्य उद्देश्य अर्थव्यवस्था के विकास की प्रक्रिया को प्रारंभ करना तथा शरणार्थियों का पुनर्वास व खाद्यान्नों के मामले में कम से कम समय अवधि में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना और मुद्रास्फीति पर नियंत्रण करना था। इसके साथ-साथ इस योजना में सर्वागीण विकास की प्रक्रिया आरंभ की गई जिससे राष्ट्रीय की आय को लगातार बढ़ने का आश्वासन दिया जा सके इस योजना के अंतर्गत कृषि को उच्च प्राथमिकता प्रदान की गई इस योजना काल मे भाखड़ा नांगल बांध परियोजना, व्यास नदी परियोजना, दामोदर नदी परियोजनाएं सिंचाई के लिए शुरू की गई थी।
द्वितीय पंचवर्षीय योजना Panchvarshiya Yojna 1956-1961
द्वितीय पंचवर्षीय योजना प्रो० पी० सी० महालनोविस मॉडल पर आधारित थी। इस योजना का उद्देश्य समाजवादी समाज की स्थापना करना था। इस योजना के अंतर्गत देश के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए 5 वर्षों तक राष्ट्रीय आय की दर 25% की वृद्धि करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इस पंचवर्षीय योजना में भारी उद्योग और खनिज, लौह एवं इस्पात, अलौह धातुओं, भारी रसायन, भारी इंजीनियरिंग और मशीन निर्माण उद्योगों को प्राथमिकता दी गई अनेकों महत्वपूर्ण उद्योग जैसे दुर्गापुरी, भिलाई, राउरकेला इस्पात कारखानों को इसी योजना के दौरान स्थापित किए गए इस योजना का लक्ष्य तीव्र औद्योगिकीकरण था इसके लिए भारी तथा मूल उद्योगों पर विशेष बल दिया गया।
तृतीय पंचवर्षीय योजना Panchvarshiya Yojna 1961-1966
तृतीय पंचवर्षीय योजना का लक्ष्य आत्मनिर्भर एवं स्वयं स्फूर्त अर्थव्यवस्था की स्थापना करना था। इस योजना ने कृषि को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की इस योजना के दौरान सरकार द्वारा बनाई गई कृषि नीतियों ने हरित क्रांति को जन्म दिया परंतु इसके साथ साथ इसने बुनियादी उद्योगों के विकास पर भी पर्याप्त बल दिया जो कि तीव्रआर्थिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक था। इस योजना की असफलता का मुख्य कारण भारत पाकिस्तान युद्ध व भारत चीन युद्ध था। तृतीय पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत पूर्व सोवियत संघ के सहयोग से बोकारो झारखंड में बोकारो आयरन स्टील की स्थापना की गई।
तीन वार्षिक योजनाएं 1966-1967-1968-1969
यह योजना 3 वर्षों के लिए लागू की गई थी। वर्ष 1965 में भारत पाकिस्तान युद्ध से उत्पन्न हुई स्थिति और 2 साल तक लगातार भीषण सूखा पड़ने व मुद्रा का अवमूल्यन होने और कीमतों में हुई वृद्धि तथा योजना उद्देश्यों के लिए संसाधनों में कमी होने के कारण चौथी योजना को अंतिम रूप देने मे देरी हुई इसलिए इसके स्थान पर चौथी योजना के प्रारूप को ध्यान में रखते हुए 1966 से 1969 तक 3 वर्षों की वार्षिक योजना बनाई गई इस अवधि को योजना अवकाश plan holiday के नाम से जाना गया था।
चौथी पंचवर्षीय योजना 1969-1974
डी० आर० गाडगिल मॉडल पर आधारित चौथी पंचवर्षीय योजना panchvarshiya Yojana के मूल उद्देश्य मुद्रा स्फीति में नियंत्रण तथा आर्थिक विकास में आत्मानिर्भरता की प्राप्ति था। चौथी पंचवर्षीय योजना में राष्ट्रीय आय दर 5.5% वार्षिक औसत वृद्धि की दर प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया परिवार नियोजन कार्यक्रम भी इसी योजना में लागू किया गया था। श्वेत क्रांति की शुरुआत इसी योजना के अंतर्गत हुई भारत में कृषि दर सर्वाधिक इसी योजना काल में रही बाद में इसमें सामाजिक न्याय के साथ गरीबी हटाओ जोड़ा गया परंतु यह योजना अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में असफल रही इसका मुख्य कारण मौसम की प्रतिकूलता तथा बांग्लादेश के शरणार्थियों का भारत में आगमन था।
पांचवी पंचवर्षीय योजना Panchvarshiya Yojna 1974-1978
यहां योजना केवल 4 वर्ष की थी। इस योजना के दो मुख्य उद्देश्य थे। गरीबी की समाप्ति और आत्मनिर्भरता की प्राप्ति के लिए वृद्धि की उच्च दर को बढ़ावा देने के अलावा आय का बेहतर वितरण और देशीय बचत दर में महत्वपूर्ण वृद्धि करने की नीति अपनायी गई मार्च 1978 में जनतापार्टी की सरकार ने 4 वर्षों के पश्चात ही पांचवी योजना को समाप्त कर दिया था।
अनावरण योजना Rolling plan 1978 -1980
यह योजना 2 साल की अनावरण योजना थी। उस समय मोरारजी देसाई के नेतृत्व वाली जनता पार्टी सरकार द्वारा इस योजना को 2 वर्षों के लिए बनाय गया था। इस योजना के दौरान उच्च मूल्यों की मुद्राओं की वैधता समाप्त करना, शराबबंदी, जन वितरण प्रणाली का विस्तार तथा सार्वजनिक बीमा योजना की शुरुआत करना था। लेकिन 1980 में इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा इस योजना को समाप्त कर दिया गया।
छठी पंचवर्षीय योजना Panchvarshiya Yojna 1980-1985
इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीबी उन्मूलन तथा रोजगार में वृद्धि था पहली बार गरीबी उन्मूलन पर विशेष जोर दिया गया इस योजना के दौरान ग्रामीण विकास कार्यक्रम जैसे महत्वपूर्ण कार्य शुरू किए गए जन उपभोग की वस्तुएं तैयार करने तथा कुटीर एवं लघुउद्योगों को बढ़ावा देना और न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम द्वारा निम्नतम आय वर्गों की आय बढ़ाना था।
सातवीं पंचवर्षीय योजना Panchvarshiya Yojna 1985-1990
योजना अवकाश 1990 से 1992
आठवीं पंचवर्षीय योजना Panchvarshiya Yojna 1992-1997
केंद्र में राजनीतिक अस्थिरता के कारण आठवीं योजना 2 वर्ष देर से प्रारंभ हुई आठवीं योजना का विवरण उस समय स्वीकार किया गया जब देश एक भारी आर्थिक संकट से गुजर रहा था। इसके मुख्य कारण भुगतान संतुलन का संकट, बढ़ता हुआ ऋण भार, लगातार बढ़ता बजट का घाटा, व बढ़ती हुई मुद्रास्फीति और उद्योग में प्रतिसार था उस समय की नरसिम्हा राव सरकार ने आर्थिक सुधारों के साथ राजकोषीय सुधारों की भी प्रक्रिया जारी की ताकि अर्थव्यवस्था को एक नई गति प्रदान की जा सके आठवीं पंचवर्षीय योजना का मूलभूत उद्देश्य विभिन्न पहलुओं में मानव विकास करना था इसमें रोजगार, शिक्षा व जन स्वास्थ तथा मानव विकास के सारे प्रयासों का सार तत्व माना गया।
इस पंचवर्षीय योजना में प्रधानमंत्री रोजगार योजनाकी की शुरुआत हुई आठवीं पंचवर्षीय योजना में ही राष्ट्रीय महिला कोष की स्थापना की गई भारत सरकार ने मानव संसाधन मंत्रालय के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा एक स्वतंत्र पंजीकृत सोसाइटी के रूप में की गई इसका मुख्य उद्देश्य गरीब महिलाओं को आमदानी तथा कार्य के लिए लघु ऋण प्राप्त करवाना था इस योजना में प्रारंभिक शिक्षा को सर्व व्यापक बनाने तथा निरक्षरता को पूर्ण रूप से समाप्त करने का प्रयास किया गया।
नौवीं पंचवर्षीय योजना Panchvarshiya Yojna 1997-2002
नौवी पंचवर्षीय योजना का मुख्य उद्देश्य सर्वोच्च प्राथमिकता न्यायपूर्ण वितरण एवं समानता के साथ विकास था। क्षेत्र असंतुलन जैसे मुद्दों को भी इस योजना में विशेष स्थान दिया गया था। इस योजना में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए क्षेत्रों को चुना गया जिसमें भुगतान संतुलन सुनिश्चित करना विदेशी ऋण भार को ना केवल बढ़ने से रोकना उसे कम भी करना खाद्यान्नों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना औद्योगिक आत्मनिर्भरता प्राप्त करना जड़ी बूटियों एवं उसके मूल के पेड़-पौधों प्राकृतिक संसाधनों का समुचित उपयोग एवं संरक्षण करना था।
दसवीं पंचवर्षीय योजना Panchvarshiya Yojna 2002-2007
इस योजना में पहली बार राज्यों के साथ विचार विमर्श कर राज्यवार विकास दर निर्धारित की गयी इसके साथ ही पहली बार आर्थिक लक्ष्य के साथ-साथ सामाजिक लक्ष्यों पर भी निगरानी की व्यवस्था की गयी तथा देश में गरीबी और बेरोजगारी समाप्त करने तथा अगले 10 वर्षों तक प्रति व्यक्ति आय दोगुनी करने का प्रस्ताव रखा गया था।
ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना Panchvarshiya Yojna 2007-2012
1 अप्रैल 2007 को प्रारंभ हुए 11वीं पंचवर्षीय योजना इस पंचवर्षीय योजना का मुख्य लक्ष्य एवं समावेशी विकास था। शिक्षा के साथ विषय वस्तु को तथा प्राथमिक शिक्षा को अनिवार्य कर दिया गया जीडीपी वृद्धि दर को 9% से बढ़ाकर 10 % करना और इससे 12वीं योजना के दौरान 10 % पर बरकरार रखना ताकि 2016-17 तक प्रति व्यक्ति आय को दोगुना किया जा सके।
बारहवीं पंचवर्षीय योजना Panchvarshiya Yojna 2012-2017
भ्रष्टाचार पर लगाम के साथ प्रशासनिक गुणवत्ता में सुधार को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 12वीं पंचवर्षीय योजना panchvarshiya Yojana काल के दौरान शिक्षा और स्वास्थ्य पर फोकस रखते हुए जीडीपी को 9 से 9.5 फ़ीसदी की बढ़ोतरी का लक्ष्य तय किया गया सौ फीसदी वयस्क शिक्षा के लिए योजना के दौरान शिक्षा पर होने वाले व्यय को जीडीपी का 1.3 फ़ीसदी से बढ़ाकर 2 य 2.5 फ़ीसदी करने का प्रस्ताव रखा गया है।
योजना आयोग की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री के समक्ष 12वीं योजना के उद्देश्य की पूरी तस्वीर पेश की गई बैठक में यह बात भी सामने आई कि 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान बिजली उत्पादन क्षमता में कम से कम एक लाख मेगावाट का विस्तार करना होगा और इस काम को अंजाम देने के लिए न्यूक्लियर पावर के विस्तार पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान सरकारी कामकाज के ढंग सुधारे जाएंगे इसके लिए सरकारी कार्यक्रम नए सिरे से तय किए जाएंगे शत प्रतिशत वयस्क साक्षरता हासिल करने का लक्ष्य एफडीआई नीति को उदार बनाकर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को नई गति प्रदान करने पर जोर दिया है।
तेहरवी पंचवर्षीय योजना Panchvarshiya Yojna 2017-2022
यह पंचवर्षीय योजना वर्ष 2017 से लेकर 2022 तक लागू है इस योजना के अंतर्गत संसाधनों, पुस्तकों, क्लासरूम को सुधारने पर विशेष ध्यान दिया गया है अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व पिछड़े वर्गों के कमजोर विद्यार्थियों को अलग से पढ़ाया जाएगा इस योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय वह राज्य स्तरीय परीक्षा सिविल सर्विस की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों को सही दिशा दी जाएगी इस पंचवर्षीय योजना panchvarshiya Yojana में कैरियर काउंसलिंग के लिए अलग से बजट बनाया गया है।
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