District udham Singh Nagar Uttarakhand

District udham Singh Nagar Uttarakhand-tourist place in udham Singh Nagar-जिला उधम सिंह नगर उत्तराखंड

District udham Singh Nagar Uttarakhand: जनपद उधम सिंह नगर का नाम अमर शहीद सरदार उधम सिंह के नाम पर रखा गया है। सरदार उधम सिंह ने जलियांवाला बाग हत्याकांड के गुनाहगार जनरल ओ डायर की 23 मार्च 1940 को लंदन के रॉयल्स सेंट्रल एशियन सोसायटी के कार्यक्रम में हत्या कर दी थी। जिसके बाद इनको  31 जुलाई 1940 को इनको फांसी दे दी गई थी। 
उधमसिंह जिले की स्थापना 29 सितंबर 1995 को नैनीताल के मैदानी भागों जिसमें भावर एवं तराई भाग शामिल थे, इनको मिलाकर उधम सिंह नगर जिले को बनाया गया। उधम सिंह नगर का प्राचीन नाम चौरासी माल था। 
इसका अधिकांश भाग समतल होने के कारण यह देश के अन्य भागों से रेल एवं सड़क मार्गों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यह उत्तराखंड का एक प्रगतिशील जिला है। जिसमें हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बंगाली, कुमाऊनी, पंजाबी एवं पूर्वांचल के अलावा थारू एवं बुक्सा जनजाति के लोग साथ-साथ रहते हैं।

District udham Singh Nagar

मुख्यालय head office रुद्रपुर

क्षेत्रफल area →  2542 वर्ग किलोमीटर

जनसंख्या population → 1648902   पुरुष → 858783  महिला → 790119

साक्षरता  →73.10%

तहसीलें  काशीपुर, किच्छा, बाजपुर, खटीमा, सितारगंज, गदरपुर, जसपुर, रूदपुर

उप तहसील  → नानकमत्ता

विकासखंड  → काशीपुर, बाजपुर, खटीमा, सितारगंज, गदरपुर, जसपुर, रुद्रपुर

विधानसभा सीटें → जसपुर, रुद्रपुर, काशीपुर, बाजपुर, खटीमा, गदरपुर, किच्छा, सितारगंज, नानकमत्ता


District udham Singh Nagar Uttarakhand के प्रमुख नगर

रुद्रपुर Rudrapur Uttarakhand: उधमसिंह जिले का मुख्यालय और राज्य के तराई भाग का एक प्रमुख नगर है। यह नगर चंद्र वंश के राजा रूद्र चंद द्वारा बसाया गया था। इसको नैनीताल का प्रवेश द्वार कहा जाता हैै। यहां कृषि विकसित क्षेत्र है। इस क्षेत्र में अनेकों उद्योग लगे हुए हैं यहां मैदानी और पर्वतीय क्षेत्रो को  जोड़ने का एक मुख्य केंद्र है। 

काशीपुर Kashipur: इसको बसाने का श्रेय काशीनाथ को जाता है। यह  कुमाऊं के चंद्रपुर राजा देवी चंद का  अधिकारी था, तथा उसकी नियुक्ति काशीपुर में की गई थी। ऐसी मान्यता है कि यहां पर स्थित द्रोण सागर को पांडवों ने बनाया था। इस द्रोण सागर के पास उज्जैन नामक किला स्थित है। कुमाऊं के प्रसिद्ध कवि गुमानी पंत जी का जन्म भी काशीपुर में हुआ था। 

यहां कत्यूरी और चंद राजाओं द्वारा निर्मित तीन  गढ़ रामपुर, लक्ष्मणपुर और चैतानगढ़ स्थित है। हर्षवर्धन के काल में यहां चीनी यात्री ह्वेनसांग आया था और उसने  इस नगर के मध्य स्थित कई बौद्ध मठ देखा। उस समय इसे  गोविषाण कहते थे।  इस समय कि कुछ स्तूप खंडहर गोविषाण पे पर आज भी विद्यमान हैं। 

पंतनगर pant Nagar: जनपद उधम सिंह नगर का यह कस्बा नैनीताल से सटा हुआ है। 17 नवंबर 2007 को नेहरू जी द्वारा यहां पर उत्तराखंड और देश के पहले कृषि विश्वविद्यालय गोविंद बल्लभ पंत की स्थापना की थी। इस विश्वविद्यालय परिसर में वर्ष में दो बार कृषि कुंभ नाम से किसानों के लिए मेला आयोजित किया जाता है। 

द्रोण सागर drone Sagar: काशीपुर के पूर्व में स्थित द्रोण सागर लगभग 1 किलोमीटर ब्यास में फैला हुआ है। कहते हैं गुरु द्रोणाचार्य अपने शिष्यों के साथ यहां रहते थे। तथा इसी सरोवर में स्नान करते थे।  मान्यता यह है  कि इस इस सरोवर का जल स्पर्श मात्र से गंगा स्नान का फल प्राप्त होता है।
 
नानकमत्ता साहिब nanakmatta Sahib: यह सिखों का एक पवित्र तीर्थ स्थल है। इस का प्राचीन नाम बख्शी था। यह खटीमा पानीपत राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है। इसके पास एक विशाल नानक सागर बांध भी बना हुआ है। सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव अपने प्रिय शिष्य बाला और मरदाना के साथ भ्रमण करते हुए इस स्थान पर आए थे। उनकी याद में प्रत्येक दीपावली में एक  दिन पूर्व इस स्थान पर मेला लगता है। सिखों के दसवें गुरु गुरुगोविंद साहब जी ने भी इसी स्थान पर निवास किया था। 

अटारिया देवी मंदिर: इस मंदिर का निर्माण १४वीं सदी में किया गया था। रोहेलें  के आक्रमण के बाद यहां मस्जिद  बनाई गई थी।  परंतु  1590 में राजा रूद्र चंद द्वारा  इसका पुनर्निर्माण करवाया गया। और  अल्मोड़ा के पांडेखोला गाँव  के किसी पांडे को मंदिर का पुरोहित नियुक्त किया गया।  यहां चैत्र मास में नवरात्रा के समय अटारिया का मेला आयोजन किया जाता है।

जसपुर Jaspur: यह उधमसिंह जिले का एक उपनगर है। यह नगर प्राचीन काल में शाहजफर के नाम से जाना जाता था। चंद्र वंशीय राजाओं के राज मंत्री यशोधन ने इसका नाम बदलकर जसपुर कर दिया था। 3 अक्टूबर 1968 को यहां नगरपालिका का गठन किया गया। 


District udham Singh Nagar Uttarakhand के प्रमुख मेले

1. अटारिया मेला  2. सीताबनी मेला  3. चैती का मेला  4. झारखण्डेश्वर मेला  5.  भादू मेला   6. सवर पीर का मेलाा  7. बाल्मिया मेला   8. सिसला मेला   9. घाट मेला  10. मोटेश्वर मेला   11. गुडासी मेला