Nobel puraskar

nobel puraskar in hindi-nobel prize-nobel puraskar नोबेल पुरस्कार 

 

Nobel puraskr in hindi : नोबेल पुरस्कार की शुरुआत 1901 में स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड वर्नहार्ड नोबेल के नाम से की गई थी। यहां एक अविवाहित स्वीडेन वैज्ञानिक और केमिकल इंजीनियर थे। इन्होंने लगभग 355 से भी अधिक अविष्कार किए हैं, इनके द्वारा 1867 ई० में डायनामाइट की खोज की गई थी।

स्वीडन के लोगों को 1896 में उनकी मृत्यु के बाद पुरस्कार के बारे में पता चला जब उनकी वसीयत पड़ी गई, उन्होंने अपनी सारी वार्षिक आय पुरस्कारों हेतु दान कर दी थी। अपनी वसीयत में उन्होंने आदेश दिया था, कि सबसे योग्य व्यक्ति जो विज्ञान, साहित्य, शांति एवं अर्थशास्त्र के क्षेत्र में अपना उत्कृष्ट योगदान दिया हुआ हो वहा नोबेल पुरस्कार के लिए चयनित किया जाएगा।

 यह पुरस्कार प्रतिवर्ष दिया जाता है लेकिन द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान 1940 से 1942 तक यह पुरस्कार नहीं दिए गए  नोबेल पुरस्कार विजेता nobel prize winner को nobel prize money 10 डॉलर की राशि प्रदान की जाती है।  इस पुरस्कार का संचालन नोबेल फाउंडेशन द्वारा किया जाता है। नोबेल फाउंडेशन की स्थापना 29 जून 1900 में हुई थी। 

नोबेल फाउंडेशन द्वारा विजेता की घोषणा प्रत्येक वर्ष अक्टूबर माह में कर दी जाती है। लेकिन पुरस्कार का वितरण 10 दिसंबर को अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि मैं किया जाता है। यहां पुरस्कार एक वर्ष में अधिकतम तीन लोगों को दिया जा सकता है। इसमें प्रत्येक विजेता को एक स्वर्ण पदक, डिप्लोमा, और दस लाख डॉलर की राशि प्रदान की जाती है। अगर एक पुरस्कार में दो विजेता है, तो धनराशि दोनों में समान रूप से बांधी जाती है। और अगर पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं की संख्या तीन है, तो चयन समिति के पास यह अधिकार होता है, कि वहां धनराशि तीन को बराबर भागों में बांट दें। 

अब तक केवल 2 मृत व्यक्तियों को ही नोबेल पुरस्कार दिया गया है। पहली बार 1931 में 'एरि एक्सेल कार्लफल्डट' को और दूसरी बार 1961 में 'डैग हैमरसोल्ड' को लेकिन 1974 मैं नोबेल पुरस्कार समिति द्वारा यह नियम बना दिया गया कि मरणोपरांत किसी को नोबेल पुरस्कार नहीं दिया जाएगा। 

नोबेल पुरस्कार पाने वाले सबसे कम उम्र के पुरुष में लॉरेन्स ब्रौग 25 वर्ष के एवं महिला मलाला यूसुफ जई 17 वर्ष की है। और सबसे अधिक उम्र के नोबेल पुरस्कार विजेता Nobel prize winner आर्थर एश्किन 96 वर्ष के हैं। इन्हें वर्ष 2018 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया  था। 

दो बार नोबेल पुरस्कार विजेता Nobel prize winner 


मैडम क्यूरी को दो बार नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया पहली बार 1903 में रेडियो सक्रियता की खोज के लिए तथा दूसरी बार 1911 में शुद्ध रेडियम रसायन के निष्कर्षण के लिए यह पुरस्कार दिया गया। 

लीनस पॅलिंग 1954 में हाइब्रिडाइज्ड कक्षीय सिद्धांत रसायन के लिए और 1962 में नाभिकीय परीक्षण निषेध संधि एक्टिविज्म शांति के लिए दिया गया। 

जॉन बारडीन को 1956 में ट्रांजिस्टर के अविष्कार के लिए तथा 1972 में अतिचालकता के सिद्धांत के लिए दो बार नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 

फ्रेडरिक सेंगर द्वारा 1958 में इंसुलिन मोलिक्यूल की संरचना के लिए तथा 1980 में वायरस न्यूक्लियोटाइड के सीक्वेंसिंग के लिए 

 नोबेल पुरस्कार Nobel puraskar winner विजेता भारतीय मूल के व्यक्ति


रविंद्र नाथ टैगोर का काव्य संग्रहालय गीतांजलि का 1910 में एक अंग्रेजी कवि W.B. यीट्रस ने अंग्रेजी में अनुवाद किया एवं प्रस्तावता लिखी, जिस पर 1913 में रविंद्र नाथ टैगोर को नोबेल पुरस्कार दिया गया था।

हरगोविंद खुराना इन्होंने 1968 में 'कृत्रिम जीन के संश्लेषण के लिए चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया गया था।

वेंकटरमन रामकृष्ण भारतीय मूल के रामकृष्ण को अमेरिका के थाॅमस ई० स्टेत्ज और इजरायल की अदा ई० योनथ के साथ मिलकर प्रोटीन का निर्माण करने वाले राइबोसोम की संरचना एवं कार्य प्रणाली की खोज के लिए संयुक्त रूप से 2009 में रसायन विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया गया था।

मदर टेरेसा मदर टेरेसा 1979 में समाजसेवी संबंधित कार्यों के लिए शांति के क्षेत्र में shanti ka nobel puraskar  नोबेल पुरस्कार दिया गया था।    

सी वी रमन इनकी खोज रमन प्रभाव के लिए 1930 में भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार Nobel prize दिया गया था। 

सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर 1983 में इनकी खोज चंद्रशेखर सीमा के लिए भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था। 

अमर्त्य सेन इनको 1998 में इनकी कल्याणकारी अर्थशास्त्र के लिए अर्थशास्त्र का क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया गया था। 

वी एस नायपाल साहित्य के क्षेत्र में 2001 में इनको साहित्य नोबेल पुरस्कार Nobel puraskar से सम्मानित किया गया था।